सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
फ्रांस में Emmanuel Macron की वापसी और हिंदुस्तान की उम्मीदें
चुनाव नतीजों में अपने प्रतिद्वंद्वी को ठीक ठाक मतों से मात देकर ‘ला रिपब्लिक एन मार्श’ पार्टी के नेता व राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉ (Emmanuel Macron) ने दोबारा फ्रांस की सत्ता पर कब्जा किया. उम्मीदों और चुनौतियों के बीच वह दोबारा देश की बागडोर संभालेंगे. उन्हें रिकॉर्ड साठ फीसदी के आसपास वोट प्राप्त हुआ.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
2019 में क्रैश हुआ राहुल का राफेल डील मुद्दा UP चुनाव में उड़ान भर पाएगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ आम चुनाव में फ्लॉप शो रहा राफेल डील (Rafale Deal Probe) का मुद्दा, लगता नहीं कि 2022 के विधानसभा चुनावों में कोई असर दिखा पाएगा - हां, अगर विपक्ष का साथ मिले तो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को थोड़ा फायदा हो सकता है.
सियासत | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
भारतीय मुसलमान इस्लाम की प्रेरणा इमदाद इमाम से लें, कठमुल्लों से नहीं
भारत में मुसलमान कट्टरता की ओर तेज़ी से बढ़ता नज़र आ रहा है और यह कट्टरता सबसे ज़्यादा चोट भी उन्हें ही पहुंचाने वाली है इसलिए भारतीय मुसलमानों (Indian Muslims) को कठमुल्लाओं की नकाबपोश मंसूबों को पहचानना होगा, उनके खिलाफ खड़ा होना होगा.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
Bangladesh में माइनॉरिटी पर हमला करने वालों की सजा डेढ़ साल... बहुत नाइंसाफी है!
फ्रांस (France) में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून (Prophet Mohammad Cartoon) पर जारी विवाद की भेंट बांग्लादेश के अल्पसंख्यक (Bangladesh Minorities) चढ़े हैं. जो बात सबसे ज्यादा विचलित करती है वो ये कि कोर्ट ने इस भयंकर अपराध में शामिल लोगों को 1.5 साल की सजा सुनाई है और 'बड़े प्यार' से समझाकर मामला रफा दफा करने का प्रयास किया है.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
फ्रांस में निर्दोषों का गला काटने वालों का भारत में साथ देने वाले कौन?
फ्रांस की घटनाओं से तो एक बार फिर सारा संसार दहल गया है. वहां पर मासूम लोगों का खुलेआम कत्लेआम हुआ. इसके बावजूद भारत के मुसलमानों (Indian Muslim) और धर्म निरपेक्षता का ढोंग करने वालों का एक वर्ग हत्यारों के साथ ही खड़ा नजर आ रहा है.उनके हक में सड़कों पर उतर आया हैं. यह एक शर्मनाक और भयावह स्थिति है.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
पैगंबर मोहम्मद पर कूड़ा फेंकने वाली बुढ़िया के साथ क्या सुलूक हुआ था, भूल गए?
पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) के समय मुसलमानों (Muslims) के किरदार में वाकई इस्लाम (Islam) का रंग झलकता था. जो अब काफी धुंधला होता जा रहा है. इस्लाम के उदय के समय सुन्नते रसूल पर खूब अमल होता था. नहीं तो रसूल पर कूड़ा फेकने वाली बुढ़िया की गर्दन काट दी जाती.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
फ्रांस मामले में मुसलमानों को जैन समाज से प्रेरणा लेनी की जरूरत है
फ्रांस में जो हिंसा हो रही है उसके विरोध के लिए खुद मुसलमानों को आगे आना होगा. मुसलमानों का संगठित होकर इस कुकर्म के खिलाफ़ आवाज़ ना उठाना क्या उचित है? मुस्लिम समाज को समझना होगा कि उनके धर्म को बदनाम कोई दूसरा नहीं उनके अपने बीच के लोग कर रहे हैं. अब भी वक़्त है वरना दूसरों से की जा रहीं अपेक्षाएं अनुचित हैं.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें








